Wednesday 24 January 2018

14 November Childrens' Day


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14 नवंबर अर्थात बाल दिवस जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिवस, जिसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. नेहरु जी जिन्हें बच्चे चाचा नेहरु कह कर संम्बोधित करते थे . नेहरु जी बच्चों से बहोत प्यार करते थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर १८८९ को हुआ था. इनके पिता श्री मोतीलाल नेहरु सुविख्यात वकील थे . माता स्वरूपरानी एक धार्मिक व स्वाभिमानी महिला थी. वे एक संपन्न परिवार से थे. नेहरु जी की दो बहने थी – विजयालक्ष्मी और कृष्णा.
सन १९०५ में वे लन्दन गए. १९१० में cambridge से डिग्री प्राप्त कर, दो साल वहीं रहे तथा कानून की परीक्षा पास की. सन १९१२ में वे बैरिस्टर बन कर भारत लौटे. सन १९१६ में गाँधी जी से नेहरु जी की भेंट हुई. गाँधी जी इस नवयुवक के विचारों की सादगी पर मुग्ध हो उठे. सन १९१६ में नेहरु जी का विवाह कमला जी से हुआ.
13 अप्रैल १९१९ को जलियांवाला बाग की घटना के बाद आनन्द भवन का राजसी जीवन त्याग दिया व राजनीती में सक्रीय हो गए. इस दौरान नेहरु जी ने विभिन्न देशों की यात्रायें की. दिसंबर १९२७ में नेहरु जी भारत लौट व राजनीती में पुन: सक्रिय हो गए. १९२८ में साइमन कमीशन भारत आया. प्रदर्शनकारियों के साथ नेहरु जी ने भी शारीरिक दण्ड सहा.
सन १९४७ में भारत को आज़ादी मिलने पर वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामले में गुटनिरपेक्ष नीतियों की शुरुआत जवाहरलाल नेहरु द्वारा हुई. पंडित जी देश से गरीबी हटाना चाहते थे. अतः उन्होंने पंचवर्षीय योजनायें बनाई, नए कारखाने , पन – बिजलीघर व बांध तथा सार्वजनिक विकास की अनेक योजनायें बनी. विश्व राजनीती में उनकी पंचशील की देन को भुलाया नहीं जा सकता.
नेहरु जी एक प्रसिध लेखक भी थे – उनकी चर्चित पुस्तकों में : भारत एक खोज
                                                  : पिता के  पत्र पुत्री के नाम
                                                  : विश्व इतिहास की झलक आदि का नाम लिया जा सकता हैं. भारत सरकार द्वारा उन्हें १९५५ में भारत रत्न से विभूषित किया गया. सर्वपल्ली जी का कहना था. ‘’ नेहरु हमारे पीड़ी के एक महानतम व्यक्ति थे. वह एक ऐसे अदिवितीय राजनीतिज्ञ थे जिनकी मानव मुक्ति के प्रति सेवाएँ चिर्समार्नीये रहेगी. स्वाधीनता संग्राम के योद्धा के रूप वह यशस्वी थे और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए उनका अंशदान अभूतपूर्व था.

जय हिन्द .

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